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आईजीयू में भारतीय ज्ञान प्रणाली: चाणक्य का दर्शन और उसकी प्रासंगिकता” विषय पर व्याख्यान का आयोजन।

Published on: 24 Sep 2025

*आईजीयू में भारतीय ज्ञान प्रणाली: चाणक्य का दर्शन और उसकी प्रासंगिकता” विषय पर व्याख्यान का आयोजन।*


इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा “भारतीय ज्ञान प्रणाली: चाणक्य का दर्शन और उसकी प्रासंगिकता” विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर रंजन अनेजा, अधिष्ठाता, संकाय सामाजिक विज्ञान, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र सिंह ने की। संचालन प्रो. विकास बत्रा एवं प्रो. सतीश कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। डॉ. देवेन्द्र सिंह ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए उनके बहुआयामी अकादमिक योगदान का उल्लेख किया। अपने व्याख्यान में प्रोफेसर रंजन अनेजा ने छात्रों को प्राचीन भारतीय ज्ञान-संपदा, कौटिल्य के अर्थशास्त्र, विदेश नीति, सार्वजनिक वस्तुओं के प्रावधान, मूल्य-आधारित राष्ट्र निर्माण, और दोहरी नीति (मानवीय एवं रणनीतिक) के अध्ययन से परिचित कराया। उन्होंने मानव अस्तित्व के तीन लक्ष्यों – भौतिक धन, प्रेम एवं आनंद, तथा आध्यात्मिक उन्नति – पर भी विस्तृत प्रकाश डाला। प्रोफेसर रंजन अनेजा ने विशेष रूप से 21वीं सदी के लिए कौटिल्य दर्शन से मिलने वाले सबक जैसे – सुशासन, आर्थिक शक्ति, रणनीतिक लचीलापन, नेतृत्व में नैतिकता एवं पारदर्शिता, नियम एवं कानून का सम्मान, सार्वजनिक वस्तुओं का संरक्षण तथा खुफिया व्यवस्था की महत्ता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि चाणक्य एक सच्चे आधुनिक विचारक थे और उनका दर्शन आज भी प्रासंगिक है। अपने संबोधन में उन्होंने शोधार्थियों और छात्रों को भविष्य के शोध हेतु विविध विषय सुझाए तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम के समापन पर प्रोफेसर विकास बत्रा ने मुख्य वक्ता एवं सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभाग के समस्त सदस्य, शोधार्थी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।